Friday, 7 July 2017

सलीम अली

सोन चिरईया आए जा , आके खाना खाए जा ...............
जन्मदिन / सालिम अली (12 नवंबर)
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विश्वविख्यात पक्षी विज्ञानी सालिम अली का जन्म 12 नवंबर 1886 को मुंबई में हुआ । माइग्रेन के कारण बड़ी मुश्किल से 1913 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से 27 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण हो पाए । पारिवारिक धंधे को देखने बर्मा गए , जहां के जंगलों मे शोध करके अपने कौशल को उत्तम बनाते रहे । खातून तहमीना अली से दिसंबर 1918 में निकाह किया।
मुंबई वापस आकर बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सचिव डबल्यू.एस. मिलार्ड की देख-रेख में सालिम ने पक्षियों पर गंभीर अध्ययन करना शुरू किया , अपनी आत्मकथा The Fall of a Sparrow मे उन्होने विस्तार से अपने जीवन का वर्णन किया है । औपचारिक डिग्री न होने के कारण Zoological Survey of India के एक पक्षी विज्ञानी पद को हासिल करने में सालिम अली असमर्थ रहे , फिर बाद मे मुंबई के प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय में एक गाइड के रूप में नियुक्त हुए । मुम्बई के एक तटीय गांव में वीवर के प्रजनन का अध्ययन करने के बाद उन्होने हैदराबाद, कोचिन, त्रावणकोर, ग्वालियर, इंदौर और भोपाल जैसे रजवाड़ों मे पक्षियों का अध्ययन शुरू किया , इस कार्य में प्रसिद्ध Ornithologist ह्यूगो व्हिस्लर से उन्हे काफी सहयोग प्राप्त हुआ । उनकी पुस्तक "बुक ऑफ इंडियन बर्ड्स" भारतीय पक्षियों का विश्वकोष माना जाता है ।
1976 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से उन्हें सम्मानित किया गया। 20 जून 1987 को उनके निधन के बाद भारत सरकार द्वारा 1990 में कोयंबटूर में सेंटर फॉर ओर्निथोलोजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (SACON) का नामकरण उनके नाम पर किया गया।
जन्मदिन पर भारत के महान पक्षी विज्ञानी सालिम अली को खेराजे अक़ीदत !

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