Sunday, 11 June 2017

प्रवाल भित्तियां

प्रवाल भित्तियाँ
प्रवाल भित्तियाँ समुद्र के नीचे एक विविध पारिस्थितिकी तंत्र है जो प्रवालों द्वारा निकलने वाले कैल्शियम कार्बोनेट संरचना के द्वारा आपस में जुड़ी रहती है। यह समुद्री जल में पाये जाने वाले सूक्ष्‍म जंतुओं जिनमें कुछ पोषक तत्‍व होते हैं के घरों द्वारा द्वारा निर्मित होती है। अधिकांश प्रवाल का निर्माण पथरीले मूंगा से होता है, जिनमें समूह में रहने वाले जंतु पाये जाते हैं।

प्राय: ‘सागरीय वर्षावन’ कहे जाने वाली उथली प्रवाली भित्तियाँ पृथ्‍वी पर कुछ सबसे अधिक विविधता वाले पारिस्थितिकी तंत्रों का निर्माण करती हैं। वे विश्‍व महासागरीय क्षेत्रफल के 0.1% से भी कम भाग पर फैली हैं, लगभग फ्रांस के क्षेत्रफल के आधे भाग पर, फिर भी वे सभी समुद्री जातियों के कम से कम 25% भाग को आवास प्रदान करती हैं। इसमें मछलियाँ, मोल्‍सकस, कृमि, क्रस्टेशियंस, इकिनोडर्म, स्पंज, ट्यूनिकेट्स और अन्य सिनड्रियंस शामिल हैं।

विरोधाभास से प्रवाल भित्तियाँ महासागर द्वारा चारों ओर से घिरे होने के बाबजूद विकसित हुई जबकि महासागर से इन्‍हें न के बराबर पोषक तत्‍वों की आपूर्ति होती हैं। इन्‍हें सबसे ज्‍यादा ऊष्‍ण कटिबंधीय महासागर में उथली गहराई पर देखा जा सकता है, लेकिन गहरे समुद्र और ठंडे जल में भी ये कुछ क्षेत्रों में कम मात्रा में पायी जाती हैं।

सहजीवी संघटन:
प्रवाल भित्ति एक जीवित जंतु है। इसका प्रवालों पर जीवित रहने वाले जूज़ैनथैले सूक्ष्‍म शैवाल के साथ सहजीवी संबंध है। जूज़ैनथैले महासागरीय सतह के समीप पाये जाने वाले प्रवालों पर जीवित रहते हैं जिससे कि शैवालों को बहुत सा प्रकाश मिले।

जूज़ैनथैले प्रवालों को अपनी प्रकाशसंश्‍लेषण गतिविधि के जरिये पोषक पदार्थों के उत्‍पादन में मदद करता है। ये गतिविधियाँ प्रवालों को ऊर्जा के लिये निश्चित कार्बन यौगिक देने, कैल्‍सीकरण बढ़ाने और पोषक तत्‍व प्रवाह को बनाये रखने में मदद करती है।

प्रवालों का रंग वास्‍तव में सफेद होता है पर वे अपना रंग अपने ऊत्‍तकों में रहने वाले जुज़ैनथैले शैवालों से ग्रहण करते हैं। मेजबान प्रवाल जंतु बदले में अपने जुज़ैनथैले शैवालों को अपने भीतर रहने के लिये सुरक्षित वातावरण व अपनी प्रकाश संश्‍लेषण प्रक्रिया के माध्‍यम से कार्बन डाइऑक्‍साइड की नियत आपूर्ति उपलब्‍ध करता है।

प्रवाल के गुण:
ये उथले ऊष्‍ण कटिबंधीय समुद्री क्षेत्रों में पाये जाते हैं जहाँ समु्द्री जल स्‍वच्‍छ, साफ और गर्म होता है।

भारतीय समुद्र में प्रवाल भित्तियाँ लगभग 19,000 वर्ग किमी क्षेत्र तक फैली हैं।

प्रवाल भित्तियाँ उच्‍च जैव विविधता वाले सर्वाधिक उत्‍पादक एवं जटिल तटीय पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक हैं।

प्रवालों की उच्‍च उत्‍पादकता का कारण इनके स्‍वयं का प्राथमिक उत्‍पादक और आसपास के क्षेत्र से मिलने वाली मदद का संयोजन है।

भित्ति निर्माण करने वाले प्रवाल पॉलिप्‍स और जूज़ैनथैले का सहजीवी संयोजन है।

प्रवाल सामान्‍य: धीमी वृद्धि करने वाले जंतु हैं जबकि जूज़ैनथैले शीघ्र वृद्धि करने वाले पौधे हैं।

प्रवालों के प्रकार:
तीन प्रमुख भित्तियों के प्रकार हैं:

फ्रिंजिंग भित्ति - यह तट से सीधे जुड़ी होती है, या मध्‍यस्‍थ उथले प्रवाह मार्ग या लैगून के किनारों पर स्थित होती है।

बैरियर भित्ति – यह भित्ति गहरे प्रवाह मार्ग अथवा लैगून के द्वारा मुख्‍यभूमि और द्वीपीय तट से अलग होती है।

एटॉल भित्ति – केंद्रीय द्वीप के बिना लैगून के चारों ओर फैली हुई वृत्‍ताकार या सतत बैरीयर भित्ति होती है।

जैव विविधता
प्रवाल भित्तियाँ विश्‍व के कुछ सबसे विविध पारिस्थितिकी तंत्रों का निर्माण करती है, जटिल और विविध समुद्री आवास प्रदान करती है जो कि अन्‍य जीवों की विस्‍तृत श्रृंखला को मदद करते हैं।

निम्‍न ज्‍वार स्‍तर के ठीक नीचे फ्रिंजिंग भित्तियों का उच्‍च ज्‍वार स्‍तरों पर मैंग्रूव जंगलों और समुद्री घास के मैदानों के मध्‍य पारस्‍परिक लाभदायक संबंध हैं। यहाँ भित्तियाँ मैंग्रूव और समुद्री घासों को तेज समुद्री लहरों से रक्षा करती है जो कि तलछटों में जमी उनकी जड़ों को उखाड़कर उन्‍हें नष्‍ट करती हैं, जबकि मैंग्रूव और समुद्री घासें प्रवालों को गाद के बड़े प्रवाह, अस्‍वच्‍छ जल और प्रदूषकों से रक्षा करती है।

पर्यावरण में विविधता का यह स्‍तर कई प्रवाली भित्ति जंतुओं को लाभ पहुँचाता है, उदाहरण के लिये समुद्री घास पर भोजन और सुरक्षा और प्रजनन के लिये जंतु प्रवाल भित्तियों पर आश्रित होते हैं।

भित्तियाँ विविध प्रकार के जंतुओं का घर होती हैं, जिसमें मछली, समुद्री पक्षी, स्‍पंज, स्‍नीडार्यिन्‍स (इनमें कुछ प्रकार के प्रवाल और जेलीफिश शामिल हैं), कृमि, क्रस्‍टेसियन्‍स (इसमें झींगा, क्‍लीनर झींगा, स्‍पाइनी लॉबस्‍टर और केंकड़ें शामिल हैं), मोलस्‍कस (इसमें सिफैलोपॉड्स शामिल हैं), एकिनोडर्म (सितारा मछली, समुद्री उर्चिन और समुद्री खीरा), समुद्री स्‍कवर्ट, समुद्री कछुआ और समुद्री सांप हैं।

मानवों को छोड़कर प्रवाल भित्तियों पर स्‍तनधारी दुर्लभ हैं, आने वाले सिटैसियन्‍स जैसे डॉलफिन्‍स इसका प्रमुख अपवाद है। इनमें से कुछ विविध जातियाँ सीधे प्रवालों का आहार करती हैं, जबकि कुछ अन्‍य भित्तियों पर शैवालों को चरती हैं। भित्ति बायोमास जाति विविधता से सकारात्‍मक रूप से सीधे संबंधित होता है।

महत्‍व
प्रवाल भित्तियों द्वारा निर्मित पारिस्थितिकी तंत्र पर्यटन, मछली पकड़ने और तट रेखा सुरक्षा के लिये फायदेमंद हैं। प्रवाल भित्तियों का वैश्विक आर्थिक मूल्‍य प्रति वर्ष 29.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 375 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मध्‍य आंका गया है।

प्रवाल भित्तियाँ समुद्री लहरों की ऊर्जा को अवशोषित करके तट रेखा की रक्षा करती हैं, अथवा कई छोटे द्वीप प्रवाल भित्तियों के बचाव के बिना समाप्‍त हो गये होते।

पर्यावरण समूह वर्ल्‍ड वाइड फंड फॉर नेचर के अनुसार, 25 साल पुरानी प्रवाल भित्ति के एक किलोमीटर को नष्‍ट करने की आर्थिक कीमत 137,000 डॉलर से 1,200,000 डॉलर के मध्‍य है।

हर साल लगभग छह मिलियन टन म‍छलियाँ प्रवाल भित्तियों से पक‍ड़ी जाती हैं। बेहतर रूप से व्‍यवस्थित प्रवाल भित्तियों से वर्ष में औसतन प्रति वर्ग किलोमीटर से लगभग 15 टन समुद्री भोजन की प्राप्ति होती है। केवल दक्षिण एशियाई प्रवाल भित्ति में मछली पालन से वार्षिक रूप से लगभग 2.4 बिलियन डॉलर के समुद्री भोजन की प्राप्ति होती है।

तटीय प्रवाल भित्ति के प्रबंधन में सुधार के लिये, एक दूसरे पर्यावरण समूह, वर्ल्‍ड रिसोर्स इंस्‍टीट्यूट (WRI) पांच कैरिबायाई देशों के साथ मिलकर वर्ष में प्रवाल भित्ति से जुड़े पर्यटन, तट रेखा सुरक्षा और मत्‍स्‍य पालन की कीमत की गणना करने के लिये उपायों को विकसित और प्रकाशित करती है।

ग्रेट बैरियर रीफ:
ग्रेट बैरियर रीफ विश्‍व का सबसे बड़ा प्रवाल भित्ति तंत्र है जो कि 2,900 से अधिक अकेली भित्तियों और लगभग 344,400 वर्ग किलोमीटर (133,000 वर्ग मील) से अधिक क्षेत्रफल में फैले 900 से अधिक द्वीपों जो कि 2,300 किलोमीटर (1,440 मील) में फैले हैं, द्वारा बना है। यह भित्ति आस्‍ट्रेलिया के क्‍वींसलैंड के तट से दूर कोरल सागर में स्थित है।

ग्रेट बैरियर रीफ को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है और यह जीवित जंतुओं द्वारा निर्मित विश्‍व की सबसे बी एकल संरचना है। भित्ति संरचना प्रवाल जंतुओं (कोरल पॉलिप्‍स) के नाम से ज्ञात बिलियन छोटे जीवों द्वारा मिलकर बनी तथा निर्मित की गई है। यह जीवन की विशाल विविधता को समर्थन करती है और इसे 1981 में विश्‍व विरासत सूची के लिये चुना गया था।

अपनी व्‍यापक जैवविविधता, गर्म स्‍वच्‍छ जल और पर्यटक नावों से पहुँच में होने के कारण इसे ‘लाइव एबोर्ड’ कहा जाता है, भित्ति बहुत ही लोकप्रिय स्‍थान है, विशेष रूप से स्‍कूबा ड्राइवरों के लिये। यहाँ पर्यटन केयर्न्‍स और विह्टसंडेस के पहुँच में होने के कारण केंद्रित है। ये क्षेत्र पार्क के क्षेत्रफल का 7% से 8% भाग हैं।

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